शनिवार, 25 अप्रैल 2009

मैं कौन हूं ..


खामोश पड़ी उन आवाज़ों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
तनहाइयाँ बटोरती उन दीवारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं

बनती-बिगड़ती उन तकदीरों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
बिलगते बचपन की कुछ तस्वीरों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं

भूख में हुए कुछ गुनाहों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
मुझको भटकाती जाती कुछ राहों ने मुझसे पूछा मैं कौन

दुनिया के उठते सवालों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
हवस के दहकते अंगारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं

रातों को सजते बाज़ारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
फूलों से महके गजरों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं

प्रेम की असीमित पुकारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
प्रेमिका के मधुर स्वरों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं

पायल की उन झंकारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
वीणा के उन तारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं

अधखिली कलियों बहारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
उन गुलज़ार नजारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं

दरिया के दोनों किनारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
प्रक्रति के भिन्न-भिन्न श्रंगारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं

पहलुओं में सिमटे सितारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
जुगनुओं से रोशन अंधकारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं

उन शब्द ,उन विचारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
उन कवियों, उन पत्रकारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं

उन मंदिरों,उन गुरुद्वारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
उन मज्जिदों,उन उन मजारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं

हिंसा,आतंक और अत्याचारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं
नेता,अभिनेता और समाचारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं


"सवालों की चलती बरछी-कटारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं "
"कई सरगना गिरोह के सरदारों ने मुझसे पूछा मैं कौन हूं ":)
अक्षय-मन