शनिवार, 4 अक्तूबर 2008

अब दर्द बनके पनपता है वो प्यार वाला पल



खाली बोतल सी है अब ये ज़िन्दगी मेरी
जिसमे
तेरा नशा ना हो ऐसा जाम ना दो

तुम क्या रखोगे अपने पास उन पलों को
उन्हें लौटा दो मगर ऐसे सरेआम ना दो

क्यूँ समझोगे ग़म मोहब्बत का तुम लेकिन
इन छलकते आंसुओं को पानी का नाम ना दो

वक़्त-वक़्त पर बदलते हैं तेरे ये जो मिज़ाज
प्यार मेरा मौसम तो नही ऐसा इल्ज़ाम ना दो

पर्दा तो तब करूं जब आबरू महफूज़ हो मेरी
आईने भी अब मुह छुपाये ऐसा अन्जाम ना दो

तुम नज़्म हो अमीरी जैसी जिसमे कोई ज़ज्बात नही
तुम मेरी खामोशियों को ऐसी नज़्मो का इनाम ना दो

हम गुम भी हैं गुमसुम भी तुम कहो तो गुमनाम भी हम
चल पड़े हैं ग़म-ए-राह पर हम अब कोई पयाम ना दो

ऐसा प्यार क्या मुमकिन है जो हो "अक्षय" सा
बिकाऊ नही है मेरा प्यार तुम इसका दाम ना दो

अक्षय-मन

18 टिप्‍पणियां:

  1. ऐसा प्यार क्या मुमकिन है जो हो "अक्षय" सा
    बिकाऊ नही है मेरा प्यार तुम इसका दाम ना दो

    bahut sunder rachana
    well edited words
    regard

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  2. ऐसा प्यार क्या मुमकिन है जो हो "अक्षय" सा
    बिकाऊ नही है मेरा प्यार तुम इसका दाम ना दो

    bahut sunder rachana
    well edited words
    regard

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  3. वाह वाह क्या बात बहुत खूब । बढिया लिखा है । शुभ वर्तमान आगे भी अच्छा लिखो।

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  4. LOVE IS PRICELSS...waise to,real love makes us unattachment...pyar wala pal to khushi bankar panapta hai,pyar me mila dard bhi to muskurata hi hai...sache pyar me mila dard aankho se aansoo nahi 'geet' bankar niklte hai,jo mai sun raha hoon,likh raha hoon,bol raha hoon,padh raha hoon aur dekh bhi raha hoon.........bahut khub likha hai bhai

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  5. "ONLY LOVE IS REAL" DR. BRIAN WEISS का एक नोवल पढ़ा था,
    और जाना था की अगर प्यार सच्चा हो तो मोत भी उसे जुदा नहीं कर पाती,
    मोत में वो शक्ति नहीं है जो सच्चे प्यार को ख़त्म कर सके.....
    पुनर्जनम में विश्वास भी तभी से हुआ.............
    सच कहा है तुमने आंसुओ को सिर्फ वही समझ सकता है जिसने ये ग़म सहा हो......
    वरना पानी की बूंदों के सिवा कुछ भी नहीं है........
    उन बेमोल मोतियो को कोई और नहीं समझ सकता.......
    ऐसा प्यार क्या मुमकिन है जो "अक्षय" सा
    बिकाऊ नहीं है मेरा प्यार तुम इसका दाम न दो
    दिल का दर्द बयां करती है ये पंक्तिया.........
    प्यार का कोई मोल नहीं होता.........
    कभी कभी ये भी समझाना पड़ता है दुनिया को..........

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  6. bahut pyari dard bhari kavita hai.......par ye kavita nahi gajal jaisee lag rahee hai..........


    yaar kutchh jhosh kharosh wali kavita bhi likha karo.....

    iss umar main........itna dard kahan jama karoge......

    keep it up!!

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  7. bahut pyari dard bhari kavita hai.......par ye kavita nahi gajal jaisee lag rahee hai..........


    yaar kutchh jhosh kharosh wali kavita bhi likha karo.....

    iss umar main........itna dard kahan jama karoge......

    keep it up!!

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  8. प्रिय मन ,""अमीरी जैसी जिसमें कोई जज्वात नहीं ""में कितना कुछ कहडाला /बहुत सुंदर

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  9. aap ki kalam ka rishta seedhe aapke dil se hai isliye lafzon se jazbaat chhalak chhalak ke girate mehsoos hote hain...
    par duniya sirf soz ke lie nahi hai, saaz bhi isi duniya mein bajte hain, kucch taar aap bhi jhanka denge toh zindagi zyada haseen maloom hogi..........

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  10. खाली बोतल सी है ज़िंदगी मेरी
    जिसमे तेरा नशा ना हो ऐसा कोई जाम ना दो
    बिकाऊ नहीं है ये प्यार मेरा, तुम इसका दाम ना दो
    प्यार को प्यार ही रहने दो, इसको कोई नाम ना दो

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  11. क्या खूब लिखते हो ...बड़ा सुंदर लिखते हो...

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  12. Aapki is panne parkee sabhi rachnayen baar baar padh daalee...asamjasme hun ki kahan aur kya tippanee dun ?" Jisme tera nasha na ho..." ye panktiyan dilme ghar kar gayeen, lekin baaqee rachnayen kya mai apnee saheliyonko sunaneke liye likh le saktee hun ? Tumharehi naamse...mai to koyi kavi nahee na peshewar lekhika hun...haan tumhen tumhre darde jigarne ehsaasonkaa ek kabhi na khatm honewala, "Akshay" sagar bana diya hai..! Salamat raho, ye meree dua hai !

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  13. unhein lauta do lekin aise sare aam na do...behtarin, ye sher behad pasand aaya mujhe.accha likhte hain aap.keep it up.

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