सवालों के शहर में जवाबों के जैसे अनजान मुसाफिर हो गए हम
हर आईने में दिखती हकीक़त के गुनाहगार हो गए हम
सवालों पर सवाल आते गए आते ही रहे
देखते ही देखते सवालों के बाज़ार हो गए हम
आईने के सामने होते हुए भी हकीक़त ना जान पाए
तेरा क्या बोलूं ख़ुद की निगाहों में बेज़ार हो गए हम
सवालों को अब सवाल ही रहने दो उन्हें तलाशों मत
हम तो पूरे लुट चूके सवालों के तलबगार हो गए हम
उल्फत क्या करूं उनसे जो ख़ुद इन सवालों से अनजान हैं
उनके लिए इन सवालों के मुफ्त के इश्तिहार हो गए हम
किस गफ़लत में हो मियां सभी इन सवालों की आगोश में हैं
इसी का इज़्हार करते-करते ग़मगुस्सार हो गए हम
ना गैरत,ना गुरुर,ना है गुबार कोई हम तो बस बेगुन्हा हैं
फिर क्यूँ सवालों की सलाखों के पीछे गिरफ्तार हो गए हम
अक्षय-मन
हर आईने में दिखती हकीक़त के गुनाहगार हो गए हम
सवालों पर सवाल आते गए आते ही रहे
देखते ही देखते सवालों के बाज़ार हो गए हम
आईने के सामने होते हुए भी हकीक़त ना जान पाए
तेरा क्या बोलूं ख़ुद की निगाहों में बेज़ार हो गए हम
सवालों को अब सवाल ही रहने दो उन्हें तलाशों मत
हम तो पूरे लुट चूके सवालों के तलबगार हो गए हम
उल्फत क्या करूं उनसे जो ख़ुद इन सवालों से अनजान हैं
उनके लिए इन सवालों के मुफ्त के इश्तिहार हो गए हम
किस गफ़लत में हो मियां सभी इन सवालों की आगोश में हैं
इसी का इज़्हार करते-करते ग़मगुस्सार हो गए हम
ना गैरत,ना गुरुर,ना है गुबार कोई हम तो बस बेगुन्हा हैं
फिर क्यूँ सवालों की सलाखों के पीछे गिरफ्तार हो गए हम
अक्षय-मन
सच ही तो है.......
जवाब देंहटाएंफिर क्यूँ सवालों में गिरफ्तार हो गए?
सवालों का ताना-बाना बढिया है
a nice question bhai......isi tarah ke sawal puchhte raho hamlogo se...jawab jaroor milega ek din..........excellent poem
जवाब देंहटाएंVery Nice written
जवाब देंहटाएंसच ही है
जवाब देंहटाएंघायल होगा पहला कवि
आह से निकला होगा गान
बहुत अच्छा!
अच्छी लगी पर कवितये नहीं करती तो कुछ समझ में आया कुछ नहीं,,,,,,,,,पर अच्छी है,,,,,,,,,
जवाब देंहटाएंसवाल पीछा नहीं छोड़ते भाई......
जवाब देंहटाएं...सुंदर रचना.....
सस्नेह
गीता पंडित
बहुत खुबसूरत, सवालो का जाल ही येसा है, पूरी जिंदगी उलझ कर रह जाती है |
जवाब देंहटाएंsawalon main uljhi hui zindgi
जवाब देंहटाएंhmm shayad yahi to hai zindgi ka asli roop
सुंदर रचना है ..
जवाब देंहटाएंbahut hi achchhe se likha aapne
जवाब देंहटाएंkhubsurat likha hai akshay..dekho tumhaare shabdon ke dusre pahloo ko laakar main fir se inn shabdon ko pura kar raha hoon!
जवाब देंहटाएंki
kuch sawaalon ke jawaab na dhundo,
inn masoom sawalon ko sawaal hi rehne do...
insaan ho avtaar nahi.....
insano ki tarah jeewan sawaalon main jine do!!
palchhin chan chan gujar rahe..
muskuraao, ye saathee hain inhe saath chalne do!
apno ko paraya nahi kehte, na bharose khwaabon kee surat rehte!
ye na honge to maut kee khamoshi hogee..
jawaabon main na uljho, talaashne ke liye sawaalon ki jiwan mehak rahne do!!
...Ehsaas
हर "सवाल" का "जवाब" नहीं होता.............
जवाब देंहटाएंकभी कोई "सवाल" ही नहीं होता.........
जिस "सवाल" का "जवाब" नहीं होता...........
असल में वो "सवाल" ही नहीं होता............
पूछ लो जो पूछना है आज....
क्या पता तुम्हारे "सवाल" का "जवाब" ही मिल जाये आज.........