तेरी-मेरी रूह पर दाग डले हैं जिस्मों के
धोने को और कुछ भी नही
अश्को से सींचा मोहब्बत की फसल को
यादों के कुछ लम्हे पड़े हैं,बोने को और कुछ भी नही ।
देखो अंदाज़ उनके,कत्ल कर पूछें हैं कातिल कौन है
जनाजे पर आज उनके शामिल कौन है ?
वो जहाँ मुहँ छुपाये खड़े हैं कब्र है मेरी
वो कोने और कुछ भी नही ।
और अब इस दिल के सितम देखो उसमे कैद है
एक बिलगती धड़कन,
भर-भर के सिसकियाँ,बहाये खून के आँसू
बेबस है इसके पास रोने को और कुछ भी नही ।
अजीब तूफ़ान है ये जुदाई का जो मेरी हसरतों
के महल को ढाता है,
हर हसरत बन चुकी अब गुमनामियों का खंडहर
फ़ना होने को और कुछ भी नही ।
तेरे लिए "अक्षय" एक टुटा हुआ तारा है
आज ख्वाहिशें पूरी करले अपनी,
लुटा चुका हूं सब कुछ अपना
अब खोने को और कुछ भी नही !!
अक्षय-मन
धोने को और कुछ भी नही
अश्को से सींचा मोहब्बत की फसल को
यादों के कुछ लम्हे पड़े हैं,बोने को और कुछ भी नही ।
देखो अंदाज़ उनके,कत्ल कर पूछें हैं कातिल कौन है
जनाजे पर आज उनके शामिल कौन है ?
वो जहाँ मुहँ छुपाये खड़े हैं कब्र है मेरी
वो कोने और कुछ भी नही ।
और अब इस दिल के सितम देखो उसमे कैद है
एक बिलगती धड़कन,
भर-भर के सिसकियाँ,बहाये खून के आँसू
बेबस है इसके पास रोने को और कुछ भी नही ।
अजीब तूफ़ान है ये जुदाई का जो मेरी हसरतों
के महल को ढाता है,
हर हसरत बन चुकी अब गुमनामियों का खंडहर
फ़ना होने को और कुछ भी नही ।
तेरे लिए "अक्षय" एक टुटा हुआ तारा है
आज ख्वाहिशें पूरी करले अपनी,
लुटा चुका हूं सब कुछ अपना
अब खोने को और कुछ भी नही !!
अक्षय-मन
बहुत सुन्दर रचना है।बधाइ।
जवाब देंहटाएंअक्षय
जवाब देंहटाएंइस बार छा गए हो उस्ताद ..
बहुत जल्दी शायरी की दुनिया में तुम्हारा नाम होंगा
आखरी अंतरा एक कहानी है मेरे भाई
मैं सोचता हूँ अक्षय , जब तुम मशहूर हो जओंगे तो क्या मुझे याद रखोंगे ?
GOD bless you ..
लिखो और लिखो ...
Regards
Vijay
jazbaaton ki bebasi aur tumhaari kalam........bahut gahri aansu bharee
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंमैं आपको हमेशा टिप्पणी नहीं दे पता क्योंकि और भी काम करते हुए ब्लॉग पढता रहता हूँ यानी आँखें आपको पढ़ रही होती हैं और हाथ खाना मुंह में डाल रहे होते हैं या कुछ और कर रहे होते हैं.
जवाब देंहटाएंपर आप को पढ़ कर जो सुख मिलता है, मुझे यह हमेशा ही यह अहसास दिलाता है कि आपका फैन होकर कोई गलती नहीं की है.
आप की ये शायरी तो गज़ब की है. :)
मेरी टिप्पणी हमेशा आपके लिए शायद न हो, कभी किसी टिप्पणीकार की कमी शायद आपको महसूस हो पर पाठक तो मैं हमेशा का हूँ.
एक इल्तजा है हमारी हमें भी अपने " मन का साथी " बना लीजिये.
यादों के कुछ लम्हे पड़े हैं ,बोने के लिए और कुछ भी नहीं
जवाब देंहटाएंवाह ..वाह ...
बहूत खूब! इसे पढ़ लेने के बाद कुछ नही!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, आनंद आ गया!
जवाब देंहटाएं" bhust sunder thodee bhavuk abheevykti, sare sher ek se bdh kr ek... good work"
जवाब देंहटाएंRegards
बहुत गहरी बात कही है आपने... अन्तिम पंक्तियाँ बहुत पंसद आईं ..बहुत-बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंfanaa hone ko or kuchh bhi nahi ....
जवाब देंहटाएंbahut sundar .
blog par dastak dene ke liye shukriya .
बहुत सुंदर लिखा हैं! बधाई आपको!
जवाब देंहटाएंसुंदर ,अतिसुन्दर
जवाब देंहटाएंbahut hi achcha likha hai..bhaavbhari rachna.
जवाब देंहटाएंAkshai, you will not believe its third time that my comments have been deleted .
जवाब देंहटाएंIn such a short time you have become inseperable part of mine. keep speaking as you are expected to do do .contact me on 9425898136 or bksrewa@gmail.com. Iwill be happy to hear from you.
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