बुधवार, 4 जून 2008

अगर शब्द


अगर शब्द दुकान पर बिकते
तो शायद लोग खुश होते
क्यूंकी वो सिर्फ़ लोगो के
हित मैं ही अपने शब्दो को खर्च करते

अगर शब्द गूंजते होते
तो शायद लोग खुश रहते
शब्दों की एकमात्र गूंज से
अंधे भी सही राह पर आ जाते

अगर शब्द मदिरा होते
तो शायद लोग खुश रहते
क्यूंकी वो फिर शब्द नशे मैं डूब
कम से कम सत्य बात तो कहते

अगर शब्द रश्मि होते
तो शायद लोग खुश होते
क्यूंकी अपने दिए वचनो से किसी को
अंधकार मैं तो ना रखते
अगर शब्द

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