शनिवार, 10 जनवरी 2009

ग़ज़ल को तो पूरा प्यार मिला गज़लकार को भी थोड़ा प्यार दें

इंतज़ार का एक लम्हा भी उन्हें साल लगता है
उनके लिए हम सदियाँ भी एक लम्हे मे गुजार दें

फिजाओं को खबर थी तो तेरी हम बेखबर हैं तो क्या
आओ इन हवाओं से ही सही तेरी जुल्फ आज संवार दें

ये ज़मीं,ये आसमां दिखते हैं किसी जन्नत से कम क्या ?
जिगर देख मेरा आज तोहफे मे तुझे ज़हान-ए-बहार दें

जुस्तजू तेरी है तेरे ही जहान में और मैं पगला तुझे ढूंढ़ता
फिरा मिला तू मुझमे ही बनके मेरा खुदा दुआए शुमार दें

शहर की इन गलियों मे तुझे देख मेरे कदम क्यूँ बहक जाते हैं?
तू कोई ऐसी दवा दे मुझको जो तेरी निगाहों का खुमार उतार दें
(खुमार = नशा)
कभी
आती है उनकी याद तो तस्वीर न देखा कर आखें बंद कर
नाम ले उनका फिर देख रूह भी उनकी तुझे शौक से दीदार दें

कुछ शब्द,कुछ अल्फाज़ कहीं दिलों की बात"अक्षय"तो कहीं भड़ास
ग़ज़ल को तो पूरा प्यार मिला,गज़लकार को भी थोड़ा प्यार दें :) :)
अक्षय-मन

24 टिप्‍पणियां:

  1. बहोत बढ़िया लिखा है आपने अक्षय आपने बहोत ही बढ़िया भाव भरे है ढेरो बधाई आपको ..


    अर्श

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  2. अक्षय जी
    अच्छा लिखा है, सही लिखा है
    ग़ज़लकार को भी प्यार दे................

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  3. बहुत उम्दा गज़ल कही है, वाह!!

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  4. बहुत बढ़िया लिखा है आपने अक्षय जी

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  5. ग़ज़ल को प्यार,ग़ज़ल को दुआएं,ग़ज़ल की तारीफ़
    गज़लकार का सम्मान है.....प्यार,दुआ मिश्रित ग़ज़ल को प्यार,ग़ज़ल को दुआएं,ग़ज़ल की तारीफ़
    गज़लकार का सम्मान है.....प्यार,दुआ मिश्रित

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  6. achchi kavita ........achche shabd .........achche bhav.........to gazalkar ko pyar kyun nhi milega.

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  7. ऐसे ही लिखते रहें, प्यार मोहब्बत सब मिलता रहेगा। :)

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  8. आपको बहुत सारा प्यार!

    ---मेरा पृष्ठ
    गुलाबी कोंपलें

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  9. आपकी रचनाधर्मिता का कायल हूँ. कभी हमारे सामूहिक प्रयास 'युवा' को भी देखें और अपनी प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करें !!

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  10. अक्षय जी, बहोत ही अच्‍छी गजल ...दिल को छू लेने वाले लफ्‍ज....गजल और गजलकार को ढेरो प्‍यार...

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  11. बहुत ख़ूब अक्षय बहुत ख़ूब ग़ज़ल पढ़ी आपने । क्या कहना !

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  12. अक्षय जी /तबीयत खुश कर दी /सोचते सब है कह कोई नही पाता ,आपने सोचा भी और कहा भी (टू इन वन )वाकई गज़लकार तारीफ के साथ प्यार का भूँखा होता है चाहे ये तारीफ और प्यार झूंठे ही हों /

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  13. बहुत बढ़िया रचना है बधाई।

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  14. oye hero ,
    tujhe pyar ki kya kami ho gayi , mera saara pyar to sirf tujhe hi milta hai ... gazal ko pasand karna hi ,gazalkaar ko pyar dena/karna hota hai ... khabardaar ,aage se kuch maanga to .. oye tujhe itne comments milte hai , ye pyar nahi to kya hai hero....?

    well, jokes apart , this is very good composition of you , and specially these lines :

    phir mila tu mujhme hi mera khuda ban ke ..... this is ultimate ,hero... this shows your maturity on your writing ..
    god bless you beta , aur meri blessings aur pyar to hai hi ... ab is comment par khush ho ja aur mujhe 5 kg sev-chivda bijawa de jaldi se...

    yours always..
    vijay

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  15. आप तो भाई खेलती हुई सी ग़ज़लें लिखते हैं..........थोड़ा खाती-पीती सी भी ग़ज़लें लिख लिया करो ना...........!!अक्षय भाई थोड़ा और उम्दा रचनाएं आपसे चाहता हूँ....!!कोशिश करें ना.... और हाँ,हर इक शेर पर थोड़ा ठहर कर सोच लें.....तत्पश्चात हर लाईन की रवानगी पर भी........हिन्दी ग़ज़ल ने शास्त्र की बंदिशों को तोड़ दिया है....किंतु रवानगी के अभाव में अच्छे भावों वाली रचना भी औसत या कमतर साबित हो जाती है.....वगरना तो हम सब ही गालिब,मीर ही ना बन जाते.....!!??

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  16. बहुत सुन्दर सृजन, बधाई.

    मेरे ब्लॉग" meri kavitayen" की नयी पोस्ट पर भी पधारने का कष्ट करें.

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