लहरों से वो कहता है मुझे छेडो मगर नजाकत से
एक पाक़ कलमा आया है आज तेरे इन होठों पर जो
मिलता-जुलता है गीता के श्लोक,कुरान की आयत से
दिलों की खामोशियाँ जिनपर दस्तक देती ये नजरें बेजुबां
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें ,बातें शुरू करो शिकायत से
दर्द में ओढे रखा सिसकियों से बुना गर्माहट का लिबास
सितम ढाती सर्द हवाए रुकें कैसे मजबूर हैं अपनी आदत से
रेतीले टीलों पर बसाये हमने सपनो के कुछ अटूट घरोंदे
वो टूटते नही तुफानो से जो बने हैं खुदा की इनायत से
खंडहर भी तो बन जाते आसरा किसी बेघर के गुजारे का वो
अफ़सोस नही करते क्यूंकि उनकी औकात बड़ी है इमारत से
मरते-मारते हैं एक दुसरे को ,समझ नही आता क्यूँ
दिलों में चितायें जलती है बस, बेगुनाहों की शहादत से
हकीक़त से ख़ुद को छुपाले ऐसी शक्ल किसी की बनी नही
निगाहों पर नकाब पहने हैं जो वही इन्साफ करें शराफत से
गवाह है "अक्षय" कटघरे में खड़ी बेगुन्हा मोहब्बत का
प्यार है जितना दर्द भी उतना सच बोलूंगा अदालत से
अक्षय-मन
एक पाक़ कलमा आया है आज तेरे इन होठों पर जो
मिलता-जुलता है गीता के श्लोक,कुरान की आयत से
दिलों की खामोशियाँ जिनपर दस्तक देती ये नजरें बेजुबां
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें ,बातें शुरू करो शिकायत से
दर्द में ओढे रखा सिसकियों से बुना गर्माहट का लिबास
सितम ढाती सर्द हवाए रुकें कैसे मजबूर हैं अपनी आदत से
रेतीले टीलों पर बसाये हमने सपनो के कुछ अटूट घरोंदे
वो टूटते नही तुफानो से जो बने हैं खुदा की इनायत से
खंडहर भी तो बन जाते आसरा किसी बेघर के गुजारे का वो
अफ़सोस नही करते क्यूंकि उनकी औकात बड़ी है इमारत से
मरते-मारते हैं एक दुसरे को ,समझ नही आता क्यूँ
दिलों में चितायें जलती है बस, बेगुनाहों की शहादत से
हकीक़त से ख़ुद को छुपाले ऐसी शक्ल किसी की बनी नही
निगाहों पर नकाब पहने हैं जो वही इन्साफ करें शराफत से
गवाह है "अक्षय" कटघरे में खड़ी बेगुन्हा मोहब्बत का
प्यार है जितना दर्द भी उतना सच बोलूंगा अदालत से
अक्षय-मन
bahut sunder
जवाब देंहटाएंbahut badhai akshay .. itni sundar nazm aur shabdo se bahri hui bhaavnayen .. yahi asli akshay hai .. naye varsh mein aapka lekhan aur aapka career dono unnati ki raah par aage bade, yahi dua hai meri ...
जवाब देंहटाएंaapka
vijay
हौसले बुलंद हों,तो डर नहीं लगता......
जवाब देंहटाएंखुदा की इनायत बड़ी गहरी होती है.....
तभी तो तुम अच्छा लिखते चले जाते हो
छेडो मगर नजाकत से अच्छा लगा|
जवाब देंहटाएंबातें शिकायत से शुरू करियेगा चलिए अच्छी बात है| दस्तक देना शानदार था|
वक्त को बुरा बताने वाले को लानत भेज कर अच्छा किया, वक्त की बड़ाई अच्छी लगी|
कुल मिलकर अच्छी भावनाएं| बधाई|
एक पाक कलमा........
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूब्सूओरत शेर है.
वैसे सारे ही शेर खूब हैं
pyar hai jitna dard bhi utna sach bolunga adalat me bhot khoob... bhoot hi khoob...wah...!
जवाब देंहटाएंbahaut khoob.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर नाजुक और कोमल भावनाओ से भरी पंक्तियाँ....दिल को भा गयी.,..
जवाब देंहटाएंregards
खूबसूरत दास्ताँ सुंदर लफ्जों में ...
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंSundar bhavpoorn rachna ke liye aabhaar..
जवाब देंहटाएंNav varsh mangalmay ho.
BAHUT SUNDER AUR BHAVPOORAN HAI BADHAAI
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ..भाव और लफ्ज़ दोनों बेहतरीन लगे
जवाब देंहटाएंप्यारे छोटे भाई अक्षय ,
जवाब देंहटाएंबहोत ही बढ़िया लिखा है आपने खयालात बहोत है बढ़िया गढे है,सुंदर अभिब्यक्ति है इसमे .. एक बात बताता हूँ बुरा मत मानना सिर्फ़ चउथे शे'र के काफिये में गडबडी दिखी वरना बहोत ही सुंदर लिखा है ........ढेरो बधाई ...
अर्श
'रेतीले टीलों पर बसाये.....'
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर रचना है...
नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं..
Nav varsh ki hardik shubkamnayen.
जवाब देंहटाएंakshay ji bahut hi pyara likha hai aapne. sach bolne ka maadda hona hi chahiye.
जवाब देंहटाएंnissandeh saari hi gazal acchi hai....magar akshay bhaayi...ravaniyat men badi kami hai... aasha hai...khayaal karenge...!!
जवाब देंहटाएंkhoobsoorat likha hai.
जवाब देंहटाएंjheel men utara chaand kab darata hai........... bahut khoob.
जवाब देंहटाएंaapko padhna achchha laga.