फासले हैं इतने कि उसे देखा नही कभी,एहसासों के दरमियाँ
बीच की दूरी को,मैं भी नही जानता तू भी नही जानता
मुझे तो जीना है,जीने की आदत जो है पुरानी
मौत से पहली मुलाकात कैसी होगी,
मैं भी नही जानता तू भी नही जानता
रोजाना आते हैं मेरी छत पर,वो प्यास बुझाते बादल
कितनी प्यास बुझी है,कितनी प्यास लगी है
मैं भी नही जानता तू भी नही जानता
किताब-ए-कातिब में पन्नो का हिसाब तो है,प्यार का नही
किन-किन लम्हों में,प्यार का हिसाब लिख बैठे
मैं भी नही जानता तू भी नही जानता
कातिब=लेखक
अक्षय-मन
बीच की दूरी को,मैं भी नही जानता तू भी नही जानता
मुझे तो जीना है,जीने की आदत जो है पुरानी
मौत से पहली मुलाकात कैसी होगी,
मैं भी नही जानता तू भी नही जानता
रोजाना आते हैं मेरी छत पर,वो प्यास बुझाते बादल
कितनी प्यास बुझी है,कितनी प्यास लगी है
मैं भी नही जानता तू भी नही जानता
किताब-ए-कातिब में पन्नो का हिसाब तो है,प्यार का नही
किन-किन लम्हों में,प्यार का हिसाब लिख बैठे
मैं भी नही जानता तू भी नही जानता
कातिब=लेखक
अक्षय-मन
pahle badhai le lo hero , tippani aati rahengi
जवाब देंहटाएंसच्चे प्यार में यूँ ही वक्त गुज़र जाता है...
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा!!
waah kya baat hai bahut khub lamhe yuhi gujra karte hai.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ..मीठा भीना सा एहसास है इस में
जवाब देंहटाएंज़ज्बात पिरो दिए आपने..
जवाब देंहटाएंप्यार में बूडे होने वाली बात ठीक नहीं...प्यार की उम्र नहीं होती क्यूँ की उसका नाता दिल से होता है बूढा सिर्फ़ शरीर होता है...दिल नहीं...बहुत अच्छी रचना लगी आप की...
जवाब देंहटाएंनीरज
पर मैं इतना जानती हूँ की तुम्हारी कलम की धार पैनी होती जा रही है........
जवाब देंहटाएंबहुत डूबकर लिखते हो,हर शब्द बोलते हैं
'rozana aatey hain..'wah akshay bahut hi bhav-bhari-jazbaat bhari kavita hai..bahut hi dil se likhi hai..chitr bhi kavita ke anusaar hi hai--bahut sundar!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता है!
जवाब देंहटाएं---मेरा पृष्ठ
चाँद, बादल और शाम
---------
---मेरा पृष्ठ
गुलाबी कोंपलें
मै नही जानता वो नही जानता
जवाब देंहटाएंबस जानता है सिर्फ़ मेरा दिल
गजब की लेने लिखी है मित्र.खूब लिखते रहें जी
बहुत सुंदर लिखा है...बधाई।
जवाब देंहटाएंये शहद घुली पंक्तियाँ ,ये उदासियाँ अच्छी लगी,
जवाब देंहटाएंअक्षय बहोत ही बढ़िया लिखा है भाई तुमने वाह इसे कहते है प्यार को महसूस करना बहोत खूब ढेरो बधाई आपको....
जवाब देंहटाएंअर्श
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुंदर भावाभिव्यक्ति.....
जवाब देंहटाएंरोजाना आते हैं छ्त पर..........
जवाब देंहटाएंफ़ासले हैं इतने.......
बहुत खुब भाई। ये जवानी बुढापा में कहां अट्क गये।
रचना अच्छी लगी , जो तुमने लिखी
जवाब देंहटाएंपर टिपण्णी क्या दूँ
मैं भी नहीं जानता तू भी नहीं जानता
bahut badhiya ..........iske aage shabd nhi hain.
जवाब देंहटाएंकमाल का एहसास है. सुन्दरतम भाव प्रवण रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
आलातरीन भाई, क्या ही ख़ूबसूरत अहसास लिए कविता और प्रेयसी की तस्वीर तिस पर माशाअल्लाह !
जवाब देंहटाएंback ground achha lag raha hai............
जवाब देंहटाएंarsh
अक्षय जी
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति है ............
बहूत अच्छी भावः हैं
hero,
जवाब देंहटाएंus din bhi padha tha , aaj phir se pad raha hoon .. bahut sundar bhaav , gazab ka lekhan , multi apmlification of thoghts ..
meri dil se badhai le lo hero.. yun hi likho ,acha likho , aur likho ..
pyar
vijay
bahut khubsurat.........
जवाब देंहटाएंbahut acche bhaayi........!!
जवाब देंहटाएं