ये आब-ए-हमदर्द पीकर देखूं तो कुछ हुआ
उसकी नशीली आंखें साकी जो बनी हैं आज
हर नज़र से मिले दो जाम,पीकर देखूं तो कुछ हुआ
आईने भी अब लड़खड़ाते हैं मुझे देख-देखकर
हर आईने से जाम टकरा पीकर देखूं तो कुछ हुआ
मेरे लबों को छुने से पहले हर बूंद वो पाकीजा होगी
मैं चूम-चूम हर पैमाना पीकर देखूं तो कुछ हुआ
टूटा हुआ पैमाना हर बार क्यूँ आता है मेरे नसीब में ?
धीरे-धीरे,छलके जाम जो पीकर देखूं तो कुछ हुआ ।
अक्षय-मन
KHUB LIKHE HO MIYAA BAHOT KHUB ADAAYAGI HAI... DHERO BADHAAYEE ISKELIYE
जवाब देंहटाएंARSH
are wah! kamaal hain akshay .... bahut khoob
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंमदहोश कर देने वाली रचना...
जवाब देंहटाएंनीरज
kya baat hai aaj to andaaz hi alag hai.bahut badhiya.
जवाब देंहटाएंbahut badhiya chitr or rachana . dhanyawad.
जवाब देंहटाएंBhai sahab maza aa gaya padhkar....yadi aapki permission ho to kya mai isko apna gmail status bana sakta hoon
जवाब देंहटाएंइतनी अच्छी अभिव्यक्ती मै अभी तक ब्लोग पर कही नही पढा........बहुत खुब ऐसे ही लिक्ते रहिये
जवाब देंहटाएंहेडिंग में तुफ्त-ए-शराब लिखा है, जबकि लुत्फ-ए-शराब होना चाहिए।
जवाब देंहटाएंhey.. hi
जवाब देंहटाएंlast 2 lines are really very nice.. :)
keep writing..
बहुत बढिया रचना है।बधाई।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना, आनन्द आ गया.
जवाब देंहटाएंटूट हवा पैमाना..............लाजवाब शेर बन पडा है.......... नशे में उतर कर लिखी मदहोश रचना है
जवाब देंहटाएंbahut khoob,umda.
जवाब देंहटाएंkya baat hai hero... kahan jaa rahe ho.. bahut dino baad laute ho aur ye tevar ...hmmmmmmmmmmm.... ab to pakka hi indore aana padhenga jaanne ke liye ki ye nashili aankhen kiski hai ....
जवाब देंहटाएंkya chal raha hai bhai ....
well, bahiut sundar rachana ... umar kahiyaam ki runbaiyaan yaad aa gayi hero.. agar ye kahun ki aapka lekhan pahle se jyada shaandar ho gaya hia to koi atishyokti nahi hongi ...
dil se badhai
[ phir bhi ye nashili aankhe kiski hai yaar ]
दिल को छू लेने वाली और मदहोश कर देने वाली रचना लिखा है आपने!
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