गुरुवार, 11 जून 2009

कुछ बातें अनकही अंतर्मन की

अंतर्मन के भावों से
ह्रदय-अमुक परिभाषित होगा
अग्न लगाते शब्दों का
अर्थ कोई अभिशापित होगा ।

जीवन-मृत्यु की पहेलियाँ
सुख-दुःख के भ्रम को सुलझाती है
काटों में जैसे अधखिली कलियाँ
खिल-खिलकर मुरझाती हैं ।

ह्रदय
मेरा निस्पंद हुआ है
अटकी सांसें प्राणों में
क्या हैं वो सब सत्य गाथायें ?
जो लिखी गीता-पुराणों में ।

नीर तेरे गंगा-जमुना
जिसकी हर बूंद पावन है
प्यासा मन आज भीगा है
नयनो से बरसा सावन है ।

समय की रेत मुठ्ठी से निकले
जीवन तुम बढ़ जाने दो
दुःख के पल-चिह्न जो ठहरे है
अश्रुओं संग बह जाने दो ।
अक्षय-मन

26 टिप्‍पणियां:

  1. कविता तो अच्छी है ही मगर चित्र उससे कई गुना ज्यादा अच्छा है

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  2. बहुत ही सुन्दर ......
    आप ने बहुत ही शशक्त कविता दी .......और बड़ी आसानी से सब को बता दिया की आप लेखन मे कितने धनी है
    बधाई

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  3. bahut hi umda kavita.........antarman ke bhavon ko darshata chitra sath mein bahut hi badhiya lag raha hai.

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  4. वाह अक्षय जी वाह...ना केवल आपकी रचना खूबसूरत है बल्कि आपने जो चित्र लगाया है वो भी बहुत सुन्दर है...दोनों के अद्भुत मिलाप से ये रचना यादगार बन गयी है...बधाई...
    नीरज

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  5. चौथे छंद में ..बूंद-बूंद पावन है और चौथी पंक्ति में बरसा स‌ावन है के अनुप्रास में विलय का थोड़ा अभाव झलका, चूंकि विखंडित शब्द बूंद-बूंद का इस्तेमाल हुआ है इसलिए। वैसे मुझे पूरी रचना बहुत अच्छी लगी।

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  6. भावुक मन की बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति....

    बहुत सुन्दर रचना लिखी है है आपने...आभार

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  7. mere hero...

    this is one of your bests... kya khoob likha hai ji ...main bahut der se tumhari kavita padh raha hoon .. .. man ko chooti hui bhaavnaye shabd chitr ban gaye hai .. ye kavita mujhe bahut acchi lagi ..is baar hindi ka accha prayog kiya hai ..padhgkar dil aanandit hua .

    aur ye photo kiska hai beta ..

    badhai sweekar karo beta

    vijay

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  8. अक्षय,
    तुम्हारी रचनाओं पर तकनिकी टिपण्णी करना मेरे वश में है नहीं , क्यूंकि मुझमें वह काबिलियत नहीं है, और जहाँ तक भावनाओं का प्रश्न है, एक ही शब्द समझ में आता है 'लाज़वाब' , आशा है यह शब्द तुम्हें पसंद आया,
    हमेशा खुश रहो !

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  9. बहुत ख़ूबसूरत कविता लिखा है आपने और दिल की गहराई से जो काबिले तारीफ है! आपकी हर एक कविता इतना सुंदर है कि कहने के लिए अल्फाज़ कम पर जाते हैं! मुझे आपकी इस कविता के साथ चित्र बेहद पसंद आया!

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  10. बहुत सुन्दर रचना लिखी है।बधाई स्वीकारें।

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  11. aapke shabd itne khubsurati se aapne sanyojan kiya hai wo kabile taarif hai kitani khubsurati se aapne likhaa hai .... waah bahot khub...


    arsh

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  12. अंतर्मन के भाव ,
    जीवन मृत्यु की पहेली ,
    और
    तुम्हारे ह्रदय का स्पंदन ...
    उतना ही सच है जितनी पोराणिक सत्य गाथाये …!

    बहूत ही गहरे भाव दर्शाती उत्तम कृति है यह … बधाई …!

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  13. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना आभार.

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  14. bahut hi achchhi rachana. shabd chayan ka chaturya bahut achchha.

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  15. आपकी रचनाओ में भाव है जो अंतर्मन में एक कशिश पैद करते है। बहुत सुन्दर मनभावन

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  16. Akshaya......tumhari rachna mein ek gaharai hoti hai .....is rachna mein bhi hai.....kya likhun shabd hi nahi hai.....behab khoobsoorati se apne man ki baat kehne ka hoonar hai aapmein....all the best.....

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  17. बहुत ही सुंदर रचना लिखी आप ने,
    धन्यवाद

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  18. मन-जगत्‌ की भावपूर्ण तस्वीर। बढ़िया कविता क्योंकि यह हमेशा ही कविता का केंद्रीय विषय रहा है, लेकिन इस विषय पर कविता की रचना सबसे कठिन है। कम-से-कम मुझे तो ऐसा ही लगता है। सच कहूं आपकी उम्र और आपकी कविता के स्तर को देखकर बहुत खुशी हो रही है।

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  19. अंतर्मन के भावों से

    ह्रदय-अमुक परिभाषित होगा
    अग्न लगाते शब्दों का
    अर्थ कोई अभिशापित होगा ।


    bahut hi sunder rachna ..maza aa gaya aur chitra bhi utne hi man mohak...

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