प्यार जो अमर है और एक ऐसा उदाहरण है जो शायद सबसे बड़ा है वो उदाहरण है धरती और आकाश के असीम प्यार का..:-
जब धरती ने आकाश से कहा हम दूर है तो क्या हम कभी मिले नहीं तो क्या
तू मेरे लिए सब कुछ है
जुदा होकर भी मेरा सुख है
तेरे प्यार भरे आंसू हमेशा मेरी प्यास भुजाते रहेंगे
तेरा साया हर पल मेरे साथ है
तेरे इस प्यार को किया नाम दूं
तेरे इस समर्पण को कैसे चूकाऊं
जब तू मुझे आवाज देता है
जब तू ऐसे गरजता है तो तेरी पुकार,
तेरा प्यार तेरा एहेसास ,तेरा विश्वास मुझे महेसूस करता है
की सदियों से तू मेरा है और सदियों तक मेरा रहेगा
तेरी वाफाई मुझे खुशाल बनती है
तेरी सच्चाई मुझे जीने का मकसद सिखाती है
हर रात तेरी अनंत आखे मुझे देखती है
हर रात मेरी तन्हाई तेरी बाँहों मैं होती है
जब सूर्य मुझे जला रहा होता है
अपनी आग मुझ पर बरसा रहा होता है
तब भी तू मेरा साथ देता है
एक दीवार बनकर सूर्य के सामने आ जाता है
एक छाया बनकर मुझ से मिल जाता है
तू क्यूँ मुझे इतना चाहता है
तू क्यूँ मुझसे इतनी महोब्बत करता है
मैं तुझे क्या देती हूं कुछ भी तो नहीं
आकाश कहेता है-
मेरे लिए तू सब कुछ है
मेरे लिए तू मेरी तनहाई का साथी है
तुझे पता है तू कभी भी मुझे अकेला नहीं रहेने देती
जहाँ- जहाँ मैं जाता हूं तुझे ही पता हूं
जब मैं नदियों,झीलों और अक्षय समुन्दरो से तेरी
प्यास भुजाने के लिए जल ग्रहण करता हूं
तो तुझे नहीं पता उस पल कितना अकेला होता हूं
उस पल ऐसा लगता है समुन्द्र मुझे निगल जायेगा
और मैं तुझसे कभी न मिल पाउंगा
-> बस करो और कुछ मत कहो
तुम्हारे इस प्यार को देखकर मैं रो भी तो नहीं सकती
क्यूंकि मैंने तुम्हारा सारा प्यार सारे आंसू
अपने अन्दर समां कर रखे है
मेरा हर आंसू कीमती है क्यूंकि वोही तो है
जो तुमसे सौगात मैं मिला है
वोही तो हैं जो तुम्हारे होने का एहेसास दिलाता है
मेरे ये आंसू और हमारा ये प्यार हमेशा अमर रहेगा
ये मेरा वादा है तुमसे
जब तक मेरा अस्तित्व रहेगा
मेरा ये अक्षय समान शरीर तुझ पर समर्पित रहेगा
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