गुरुवार, 8 मई 2008

मैं और मेरे मन का रथ

कुछ यादें कुछ सपने कुछ अपने कुछ पराये सवार हैं मेरे मन के रथ

पर

कुछ शब्द कुछ कविताएँ कुछ भावनाए कुछ सच राहें हैं मेरे मन के रथ की


कुछ कल्प्नाये कुछ हकीक़त कुछ जज्बात कुछ हालात मंजिल है मेरे मन के रथ की
कुछ सवाल कुछ पहेलियाँ कुछ मलाल कुछ कहानियां नींव है मेरे मन के रथ की

तन विचलित मन विचलित डगमगाया है आज मन का रथ
अनजानी मंजिल को ढूढने निकल पड़ा है जाने कौन से पथ

अंतर्मन्न से मनन करने पर मन का रथ कुछ और नज़र आता है
हर दुःख हर झूठ को अमृत समझकर पिता नज़र आता है

अन्याय के प्रति न्याय का साधन है मन का रथ
पुण्य के लिए पाप का प्रश्चित है मन का रथ

सपने साकार करने का माध्यम है मन का रथ
बेटे के लिए माँ का प्यार है मन का रथ

जीने के लिए जीवन का आधार है मन का रथ
हमको दिया भगवान् का आशीर्वाद है मन का रथ

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