मेरी पुकार मुझे आजादी चाहिए
मेरा अधिकार मुझे आजादी चाहिए
मेरी साधना मुझे आजादी चाहिएमेरी वंदना मुझे आजादी चाहिए
गरीबो की भूख को माँ की कोख को आजादी चाहिए
भ्रष्ट हो चुकी राजनिति से नेता की झूठी काबुली से आज़ादी चाहिए
समाज के अंधे नजरिये से उनकी गलत मति से आज़ादी चाहिए
१४ साल की शादी को १५ साल की माँ को आजादी चाहिए
दहेज़ देकर बिकती नारी को आग मैं जलती साडी को आज़ादी चाहिए
बेटी को बाप से बलात्कार के श्राप से आज़ादी चाहिए
ऐसे रिश्तो की छाप से आँखों मैं उठती भाप से आजादी चाहिए
कानून के अंधे न्याय से गवाहों के झूठे बयां से आजादी चाहिए
वकीलों की झूठी दलीलों से झूठ के बड़ते शूलो से आज़ादी चाहिए
रिश्तों की झूठी बनावट से मतलब निकलने की चाहत से आज़ादी चाहिए
कुर्सी पर बैठे अधिकारों से अनसुनी पुकारो से आजादी चाहिए
शतरंज खेलती सत्ता से रोज के बड़ते भत्ता से आजादी चाहिए
बेटे की फटकार से अटूट रिश्तो की ट्क्रार से आज़ादी चाहिए
इस सिसकती लाचारी से बेघर होने की बीमारी se आजादी चाहिए
भूखी पड़ी कामयाबी से बेरोजगारों की अकाली से आजादी चाहिए
र्रिश्वत्खोरो की फर्मानी से नेताओं की मनमानी से आज़ादी चाहिए
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